मैं इस जहाँ में नहीं हूँ..

मुझे पता नहीं कहाँ हूँ,
पर यहाँ मैं नहीं हूँ..
मैं इस जहाँ में हूँ कभी,
कभी इस जहाँ में नहीं हूँ..

हर वक़्त ये मन घबराता है,
आँखें हर वक़्त तरसती हैं..
हर वक़्त अधूरा लगता है,
साँसें हर वक़्त बहकती हैं..
मैं खुद के लिए सवाल हूँ,
पर जवाब मैं नहीं हूँ..
मैं इस जहाँ में हूँ कभी,
कभी इस जहाँ में नहीं हूँ..

संदेहों के इन घेरों में,
एक बार गया न लौटा हूँ..
भटके रस्तों का राही मैं,
इन रस्तों में ही खोया हूँ..
अब थका हुआ मुसाफिर हूँ,
कोई मुकाम मैं नहीं हूँ..
मैं इस जहाँ में हूँ कभी,
कभी इस जहाँ में नहीं हूँ..

चाहा क्या मैंने क्या पाया,
मांगा क्या और क्या हाथ आया..
देखा कुछ मैंने कुछ समझा,
सोचा क्या और क्या जी आया..
मैं बीत चुका इतिहास हूँ,
अब भविष्य मैं नहीं हूँ..
मैं इस जहाँ में हूँ कभी,
कभी इस जहाँ में नहीं हूँ..

मुझे पता नहीं कहाँ हूँ,
पर यहाँ मैं नहीं हूँ..
मैं इस जहाँ में हूँ कभी,
कभी इस जहाँ में नहीं हूँ..

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