मैं तेरी राह तकता हूँ

तुझे याद करता हूँ
तेरी राह तकता हूँ,
तू पास नहीं है जो
तेरे पास होने की
फरियाद करता हूँ |
तुझसे अलग होकर
दिल टूटता सा है,
दिल के उन टुकड़ों को
मैं जोड़ जोड़ कर,
तुझे दिल में रख लेता हूँ|
फिर तुझे याद करता हूँ,
फिर तेरी राह तकता हूँ ||

तुझसे अलग होकर
मेरे इस सीने में,
एक दर्द सा उठता है
वो दर्द निकलता है,
एक आह सी भरता है
फिर मैं तड़पता हूँ,
तू पास नहीं है जो
तेरे पास होने की
फरियाद करता हूँ |
फिर तुझे याद करता हूँ,
फिर तेरी राह तकता हूँ ||

तू मेरे लिए क्या है
मैं बता नहीं सकता,
तेरे साथ की कीमत
कभी जता नहीं सकता,
जानता हूँ बस इतना,
तू प्रार्थना के जैसी है,
एक दुआ के जैसी है,
फिर दुआ मैं करता हूँ,
तू पास नहीं है जो
तेरे पास होने की
फरियाद करता हूँ |
फिर तुझे याद करता हूँ,
फिर तेरी राह तकता हूँ ||

मैं तुझसे कहता हूँ
कुछ बातें करनी हैं,
में तुझसे कहता हूँ
कभी एक रात जगनी है,
पर तेरे साथ में होकर
मदहोश मैं जीता हूँ,
तू पास नहीं है जो
तेरे पास होने की
फरियाद करता हूँ |
फिर तुझे याद करता हूँ,
फिर तेरी राह तकता हूँ ||

मुझे कभी समझ न आया
क्यों उसने मुझे बनाया?
पर जब से तू मुझे मिली है
जीने की राह मिली है,
भूले से इन सांसों का
अफ़सोस नहीं करता हूँ,
तू पास नहीं है जो
तेरे पास होने की
फरियाद करता हूँ |
फिर तुझे याद करता हूँ,
फिर तेरी राह तकता हूँ ||
मैं तेरी राह तकता हूँ ||

One thought on “मैं तेरी राह तकता हूँ”

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s