धरती के जैसी सुन्दर तुम
गंगाजल जैसी पावन तुम
एक कली के जैसी कोमल हो
हो अब खुशियों का आंगन तुम
तुम्हें पाकर जीवनसार मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
सागर लहरों सी चंचल तुम
चांदनी से ज्यादा शीतल तुम
संगीत की मधुर कोई सरगम हो
फूलों जैसी मनमोहक तुम
हमें ईश्वर से सुन्दर उपहार मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
प्रकाश के दिव्य रथ पर
वो भानु जैसे सुशोभित है
आभा से तेरे मस्तक की
मेरा अंतःकरण वैसे प्रकाशित है
रग रग को एक आनंद मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
तेरी पलकों की छाव में
जीवन का अब हर दांव है
प्यारी गहरी इन आखों में
जैसे स्वर्ग का सुन्दर गाँव है
समर्पण का नव भाव मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
जब गोद में तुम सो जाती हो
मेरी हर चिंता हर जाती हो
फिर प्यार से जब अंगड़ाई लो
बन मुस्कान अधरों पे आती हो
मुझे प्यार से प्यारा प्यार मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
नन्हे छोटे से हाथों की
मुट्ठी में बंद कुछ सपने हैं
तुझे छू के मुझे अहसास मिले
वो सपने पूरे करने हैं
मेरे मन को नव विश्वास मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
जब से जीवन में आई हो
बस मन-मंदिर में छाई हो
लक्ष्मी के जैसे चरन-कमल
“समृद्धि” का संदेसा लाई हो
तेरे जैसा तेरा नाम मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||
तुम्हें पाकर जीवनसार मिला |
इस जग में नव संसार मिला ||