है सुबह नई
ये वक़्त नया
सुबह जगने का एहसास नया
क़िस्मत से मुझे मिले इस पल में
मेरे जीने का अंदाज़ नया|
जो बीता था वो पुराना था
था अपना और न बेगाना था
अच्छा था वो या फिर था बुरा
पल जैसा भी था सुहाना था
अब गाना है फिर गीत नया
संगीत नया और सुर भी नया|
क़िस्मत से मुझे मिले इस पल में
मेरे जीने का अंदाज़ नया||
कल की अब फिक्र करूँ क्यों मैं
कल की अब चाह भरूँ क्यों मैं
कल का हर पल अनजाना है
तो क्यों न ये पल जी लूँ मैं
इस पल में मेरा विश्वास नया
एक सोच नयी, जज़्बात नया|
क़िस्मत से मुझे मिले इस पल में
मेरे जीने का अंदाज़ नया|
एक नई दास्ताँ ज़रूरी है
ख़ुद की पहचान ज़रूरी है
एक जैसा अब तक जीता था
एक नई पहचान ज़रूरी है
अब करना है कोई काम नया
एक राह नई, एक मुकाम नया|
क़िस्मत से मुझे मिले इस पल में
मेरे जीने का अंदाज़ नया|